Intuitive Writing
From SikhiWiki
Jump to navigationJump to search
सिक्ख
'१ अँकार'''''\ गुरुचेला गुरुसिक्ख सतिगुरु बाबा नानक सिंह साहिब खालसा जी' नें 'गुरुचेले गुरसिक्ख अंगद बनाम लहिणा जी को फरीदी कलम यों संबोधन करि बक्शी :
इक्क ओ''''' अँकार'''''\ बाणीकर्ता पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!
स्वयं लिख'''''\ तेरा सतिनामु बाणी कृपा: जपु जी साहिब सिंह खालसा !!
सिक्खी
- चलना 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में ||
- समझना हुक्म स्वयं चल के ||
- खोजना सच्चे इंसान ||
- मांगना ४ पदार्थ मनमुखों से > ब्रह्म महूरत में सफलता और सफलता के पंथ पर विचार-विमर्श
- प्रचरना
- त्यागना
- बांटना
- सुनना
- सुनना
- सुनना
- सुनना
- मानना
- मानना
- मानना
- मानना
- जोड़ना
- त्यागना
- त्यना