Intuitive Writing: Difference between revisions
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# '''प्रचरना''' गुरबाणी | # '''प्रचरना''' गुरबाणी | ||
# ''' | # '''तराशना''' 80 गुण | ||
# '''बांटना | # '''बांटना''' ८० गुण | ||
# '''सुनना आसा दी वार | # '''सुनना''' आसा दी वार | ||
# '''सुनना | # '''सुनना''' सो दरु | ||
# '''सुनना | # '''सुनना''' सो पुरखु | ||
# '''सुनना | # '''सुनना''' सो हिला | ||
# '''मानना | # '''मानना''' १को | ||
# '''मानना | # '''मानना''' १सतिनामु को | ||
# '''मानना | # '''मानना''' १सतिगुरु को | ||
# '''मानना | # '''मानना''' १सतिबाणी को | ||
# '''जोड़ना | # '''जोड़ना''' सब को | ||
# '''लिखना<nowiki>'''''</nowiki>\ सरकारी संस्कार''' | # '''लिखना<nowiki>'''''</nowiki>\''' सरकारी संस्कार | ||
# '''लिखना<nowiki>'''''</nowiki>\''' संसारी संस्कार | |||
# लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\ सचकार | # '''लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\''' सचकार | ||
# सुधारना लिखा | # '''सुधारना''' लिखा | ||
# शेयरना सुधारा | # '''शेयरना''' सुधारा | ||
# उलझना नहीं मूर्खों संग | # '''उलझना नहीं''' मूर्खों संग | ||
# लेना नहीं रिश्वत | # '''लेना नहीं''' रिश्वत | ||
# संभालना सब को | # '''संभालना''' सब को | ||
# करना विचार-विमर्श | # '''करना''' विचार-विमर्श | ||
# लिखना माप-दण्ड | # '''लिखना''' माप-दण्ड | ||
# लिखना लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का | # '''लिखना''' लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का | ||
# जुगड़ना सन-साधन | # '''जुगड़ना''' सन-साधन | ||
# आंकना समय की स्करात्मकता | # '''आंकना''' समय की स्करात्मकता | ||
# स्वीकारना व संभालना जिमेंवारियाँ | # '''स्वीकारना व संभालना''' जिमेंवारियाँ | ||
# परखना गुणवत्ता | # '''परखना''' गुणवत्ता | ||
# चढ़ना एक एक सीढ़ी | # '''चढ़ना''' एक एक सीढ़ी | ||
# गर्जना लिखा सच | # '''गर्जना''' लिखा सच | ||
# दिखना सदा हाजिर नाजिर | # '''दिखना''' सदा हाजिर नाजिर | ||
# समझना ज्ञान परजीवी | # '''समझना''' ज्ञान परजीवी | ||
# बनना कर्मी करजीवी | # '''बनना''' कर्मी करजीवी | ||
# सोचना सिर्फ सच | # '''सोचना''' सिर्फ सच | ||
# | # '''प्रकाशना''' लिखा<nowiki>'''''</nowiki>\ | ||
== सारांश == | == सारांश == | ||
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'''सेवक: २४ | सुलाऊ-8, कमाऊ-8, खपाऊ-4, ''सोना-कमाना-खपाना सिखाऊ-4''''' | '''सेवक: २४ | सुलाऊ-8, कमाऊ-8, खपाऊ-4, ''सोना-कमाना-खपाना सिखाऊ-4''''' | ||
'''घर: बिगबौस का | '''घर: बिगबौस का खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो अकेले नहीं गए, कितने ही और समाज उनके साथ संसार सागर से पार उतरे ||''' |
Revision as of 18:53, 8 August 2025
सिक्ख
'१ अँकार'''''\ गुरुसिक्ख नानक सिंह साहिब खालसा जी' नें 'गुरसिक्ख अंगद बनाम लहिणा जी' को फरीदी कलम'''''\ यों संबोधन करि बक्शी :--
इक्क ओ''''' अँकार'''''\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!
स्वयं लिख'''''\ तेरा सतिनामु बाणी कृपा: जपु जी साहिब सिंह खालसा !!
सिक्खी
- चलना 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में ||
- समझना हुक्म स्वयं चल के ||
- खोजना सच्चे इंसान बेपरवाह रह के ||
- मांगना ४ पदार्थ > ब्रह्म महूरत में सफलता और सफलता के पंथ पर विचार-विमर्श
- प्रचरना गुरबाणी
- तराशना 80 गुण
- बांटना ८० गुण
- सुनना आसा दी वार
- सुनना सो दरु
- सुनना सो पुरखु
- सुनना सो हिला
- मानना १को
- मानना १सतिनामु को
- मानना १सतिगुरु को
- मानना १सतिबाणी को
- जोड़ना सब को
- लिखना'''''\ सरकारी संस्कार
- लिखना'''''\ संसारी संस्कार
- लिखना''''''\ सचकार
- सुधारना लिखा
- शेयरना सुधारा
- उलझना नहीं मूर्खों संग
- लेना नहीं रिश्वत
- संभालना सब को
- करना विचार-विमर्श
- लिखना माप-दण्ड
- लिखना लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का
- जुगड़ना सन-साधन
- आंकना समय की स्करात्मकता
- स्वीकारना व संभालना जिमेंवारियाँ
- परखना गुणवत्ता
- चढ़ना एक एक सीढ़ी
- गर्जना लिखा सच
- दिखना सदा हाजिर नाजिर
- समझना ज्ञान परजीवी
- बनना कर्मी करजीवी
- सोचना सिर्फ सच
- प्रकाशना लिखा'''''\
सारांश
गुरु: समाजिक हवा/महौल
पिता: पानी सा पालनकर्ता निर्मल बहता पैन'''''\
माता: अन्नपूर्णा माँधरा महान
सेवक: २४ | सुलाऊ-8, कमाऊ-8, खपाऊ-4, सोना-कमाना-खपाना सिखाऊ-4
घर: बिगबौस का खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो अकेले नहीं गए, कितने ही और समाज उनके साथ संसार सागर से पार उतरे ||