Intuitive Writing: Difference between revisions
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= '''इक्क ओ<nowiki>'''''</nowiki> अँकार<nowiki>'''''</nowiki>\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!''' = | = '''इक्क ओ<nowiki>'''''</nowiki> अँकार<nowiki>'''''</nowiki>\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!''' = | ||
= ''स्वयं लिख<nowiki>'''''</nowiki>\ तेरा सतिनामु'' > | = ''स्वयं लिख<nowiki>'''''</nowiki>\ तेरा सतिनामु'' > ......'''जपु जी साहिब सिंह खालसा !!''' = | ||
== रिक्रूट == | == '''रिक्रूट:''' लिखना<nowiki>'''''</nowiki>\ खुद का सच्चा नाम == | ||
=== '''01. चलना''' शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में || === | === '''01. चलना''' शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में || === | ||
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=== '''04. मांगना''' ४ पदार्थ > '''ब्रह्म महूरत''' में '''सफलता''' और सफलता के '''पंथ''' पर '''विचार-विमर्श''' === | === '''04. मांगना''' ४ पदार्थ > '''ब्रह्म महूरत''' में '''सफलता''' और सफलता के '''पंथ''' पर '''विचार-विमर्श''' === | ||
== गुरमुख == | == '''गुरमुख''': डरि रहना '''सच भगवान''' से == | ||
==== '''05. प्रचरना''' गुरबाणी ==== | ==== '''05. प्रचरना''' गुरबाणी ==== | ||
Line 24: | Line 24: | ||
==== '''07. बांटना''' 80 गुण ==== | ==== '''07. बांटना''' 80 गुण ==== | ||
== गुरसिक्खड़ा == | == '''गुरसिक्खड़ा''': सुनने से सच्ची आध्यात्मिक मस्ती छाई रहती है और सारे दुख और पाप छूमंतर == | ||
=== '''08. सुनना''' (आसा दी वार) योगीओं की === | === '''08. सुनना''' (आसा दी वार) योगीओं की: सुनने वाले बेमौत नहीं मरेंगे === | ||
=== '''09. सुनना''' (सो दरु) हिंदुओं की === | === '''09. सुनना''' (सो दरु) हिंदुओं की: सुनने वाले मन-तन-धन के सारे योगिक भेद समझ या जाएंगे === | ||
=== '''10. सुनना''' (सो पुरखु) सिखों की === | === '''10. सुनना''' (सो पुरखु) सिखों की: सुनने वालों का ध्यान, सहज और सदा ही, पढ़ने लिखने'<nowiki>'''</nowiki>\ पर ही केंद्रित रहेगा === | ||
=== '''11. सुनना''' (सो हिला) सरकार की === | === '''11. सुनना''' (सो हिला) सरकार की === | ||
== गुरसिक्ख == | == '''गुरसिक्ख:''' सच्चे नाम की शक्ति 'सच्चा' नाम धारण करके ही समझी जा सकती है == | ||
=== '''12. मानना''' १को === | === '''12. मानना''' १को === | ||
Line 44: | Line 44: | ||
=== '''15. मानना''' १सतिबाणी को === | === '''15. मानना''' १सतिबाणी को === | ||
== दयालु | == '''दयालु''': स्वीकारना वो सब जो 'कुदरत मैडम की माँधरा को भाता हों' == | ||
=== '''16. जोड़ना''' सब को === | === '''16. जोड़ना''' सब को === | ||
Line 54: | Line 54: | ||
=== '''19. लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\''' गुरकार === | === '''19. लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\''' गुरकार === | ||
== संत == | == '''संत''': लिखे सच पर अडिग अडोल ईमानदार रहना == | ||
=== '''20. सुधारना''' लिखा === | === '''20. सुधारना''' लिखा === | ||
Line 64: | Line 64: | ||
=== '''23. लेना नहीं''' रिश्वत === | === '''23. लेना नहीं''' रिश्वत === | ||
== कर्मी: == | == '''कर्मी''': करना वही कर्म जो 'सच भगवान की कुदरत मैडम की माँधरा को भाते हों == | ||
=== '''24. संभालना''' सब को === | === '''24. संभालना''' सब को === | ||
Line 74: | Line 74: | ||
=== '''27. लिखना''' लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का === | === '''27. लिखना''' लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का === | ||
== सिपाही: लेना/देना हुक्म == | == '''सिपाही''': लेना/देना हुक्म लिखित शब्दों की प्रष्टभूमि पर से == | ||
=== '''28. जुगड़ना''' सन-साधन === | === '''28. जुगड़ना''' सन-साधन === | ||
Line 84: | Line 84: | ||
=== '''31. परखना''' गुणवत्ता === | === '''31. परखना''' गुणवत्ता === | ||
== | == '''खालसा नित्यनियमी''' : सोना-8 घंटे, रोटी खपना-4 घंटे, रोटी कमाना-8 घंटे, सोना-खपना-कमाना सीखना-4 घंटे == | ||
=== '''32. चढ़ना''' एक एक सीढ़ी === | === '''32. चढ़ना''' एक एक सीढ़ी === | ||
Line 101: | Line 101: | ||
== सारांश == | == सारांश == | ||
''' | === '''गुरु:''' समाजिक हवा/महौल === | ||
''' | === '''पिता:''' पानी सा पालनकर्ता निर्मल बहता पैन<nowiki>'''''</nowiki>\ === | ||
''' | === '''माता:''' अन्नपूर्णा माँधरा महान === | ||
''' | === '''सेवक:''' २४ > सुलाऊ-8, खपाऊ-4, कमाऊ-8, सोना-खपना-कमाना सिखाऊ-4 === | ||
नहीं गए, कितने ही और समाज, उनके साथ संसार सागर से पार उतरे || | === '''घर:''' बिगबौस का; खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन === | ||
=== कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो रोशन चेहरे अकेलेनहीं गए, कितने ही और समाज, उनके साथ संसार सागर से पार उतरे || === |
Latest revision as of 02:37, 11 August 2025
'१ अँकार'''''\ नानक सिंह साहिब खालसा' नें 'लहिणा सिक्ख बनाम अंगद' को फरीदी कलम'''''\ यों संबोधन करि बक्शी :--
इक्क ओ''''' अँकार'''''\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!
स्वयं लिख'''''\ तेरा सतिनामु > ......जपु जी साहिब सिंह खालसा !!
रिक्रूट: लिखना'''''\ खुद का सच्चा नाम
01. चलना शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में ||
गरकना नहीं सोचों में | रहना नहीं चुप | पालने नहीं हरामखोर | चलना नहीं भेड़चाल |