Intuitive Writing: Difference between revisions

From SikhiWiki
Jump to navigationJump to search
 
(One intermediate revision by the same user not shown)
Line 3: Line 3:
= '''इक्क ओ<nowiki>'''''</nowiki> अँकार<nowiki>'''''</nowiki>\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!''' =
= '''इक्क ओ<nowiki>'''''</nowiki> अँकार<nowiki>'''''</nowiki>\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!''' =


= ''स्वयं लिख<nowiki>'''''</nowiki>\ तेरा सतिनामु'' >             ......'''जपु जी साहिब सिंह खालसा !!''' =
= ''स्वयं लिख<nowiki>'''''</nowiki>\ तेरा सतिनामु'' >             ......'''जपु जी साहिब सिंह खालसा !!''' =


== रिक्रूट ==
== '''रिक्रूट:''' लिखना<nowiki>'''''</nowiki>\ खुद का सच्चा नाम ==


=== '''01. चलना''' शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में || ===
=== '''01. चलना''' शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में || ===
Line 16: Line 16:
=== '''04. मांगना''' ४ पदार्थ  > '''ब्रह्म महूरत''' में  '''सफलता''' और सफलता के '''पंथ''' पर  '''विचार-विमर्श''' ===
=== '''04. मांगना''' ४ पदार्थ  > '''ब्रह्म महूरत''' में  '''सफलता''' और सफलता के '''पंथ''' पर  '''विचार-विमर्श''' ===


== गुरमुख ==
== '''गुरमुख''': डरि रहना '''सच भगवान''' से ==


==== '''05. प्रचरना''' गुरबाणी ====
==== '''05. प्रचरना''' गुरबाणी ====
Line 24: Line 24:
==== '''07. बांटना''' 80 गुण ====
==== '''07. बांटना''' 80 गुण ====


== गुरसिक्खड़ा ==
== '''गुरसिक्खड़ा''': सुनने से सच्ची आध्यात्मिक मस्ती छाई रहती है और सारे दुख और पाप छूमंतर ==


=== '''08. सुनना''' (आसा दी वार) योगीओं की ===
=== '''08. सुनना''' (आसा दी वार) योगीओं की: सुनने वाले बेमौत नहीं मरेंगे ===


=== '''09. सुनना''' (सो दरु)  हिंदुओं की ===
=== '''09. सुनना''' (सो दरु)  हिंदुओं की: सुनने वाले मन-तन-धन  के सारे योगिक भेद समझ या जाएंगे ===


=== '''10. सुनना''' (सो पुरखु) सिखों की ===
=== '''10. सुनना''' (सो पुरखु) सिखों की: सुनने वालों का ध्यान, सहज और सदा ही, पढ़ने लिखने'<nowiki>'''</nowiki>\ पर ही  केंद्रित रहेगा ===


=== '''11. सुनना''' (सो हिला) सरकार की ===
=== '''11. सुनना''' (सो हिला) सरकार की ===


== गुरसिक्ख ==
== '''गुरसिक्ख:''' सच्चे नाम की शक्ति 'सच्चा' नाम धारण करके ही समझी जा सकती है ==


=== '''12. मानना''' १को ===
=== '''12. मानना''' १को ===
Line 44: Line 44:
=== '''15. मानना''' १सतिबाणी को ===
=== '''15. मानना''' १सतिबाणी को ===


== दयालु खालसा ==
== '''दयालु''': स्वीकारना वो सब जो 'कुदरत मैडम की माँधरा को भाता हों' ==


=== '''16. जोड़ना''' सब को ===
=== '''16. जोड़ना''' सब को ===
Line 54: Line 54:
=== '''19. लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\''' गुरकार ===
=== '''19. लिखना<nowiki>''''''</nowiki>\''' गुरकार ===


== संत ==
== '''संत''': लिखे सच पर अडिग अडोल ईमानदार रहना ==


=== '''20. सुधारना''' लिखा ===
=== '''20. सुधारना''' लिखा ===
Line 64: Line 64:
=== '''23. लेना नहीं''' रिश्वत ===
=== '''23. लेना नहीं''' रिश्वत ===


== कर्मी: ==
== '''कर्मी''': करना वही कर्म जो 'सच भगवान की कुदरत मैडम की माँधरा को भाते हों ==


=== '''24. संभालना''' सब को ===
=== '''24. संभालना''' सब को ===
Line 74: Line 74:
=== '''27. लिखना''' लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का ===
=== '''27. लिखना''' लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का ===


== सिपाही: लेना/देना हुक्म ==
== '''सिपाही''': लेना/देना हुक्म लिखित शब्दों की प्रष्टभूमि पर से ==


=== '''28. जुगड़ना''' सन-साधन ===
=== '''28. जुगड़ना''' सन-साधन ===
Line 84: Line 84:
=== '''31. परखना''' गुणवत्ता ===
=== '''31. परखना''' गुणवत्ता ===


== रक्षक ==
== '''खालसा नित्यनियमी''' : सोना-8 घंटे, रोटी खपना-4 घंटे, रोटी कमाना-8 घंटे, सोना-खपना-कमाना सीखना-4 घंटे ==


=== '''32. चढ़ना''' एक एक सीढ़ी ===
=== '''32. चढ़ना''' एक एक सीढ़ी ===
Line 101: Line 101:


== सारांश ==
== सारांश ==
'''गुरु:'''        समाजिक हवा/महौल


'''पिता:'''       पानी सा पालनकर्ता निर्मल बहता पैन<nowiki>'''''</nowiki>\
=== '''गुरु:'''         समाजिक हवा/महौल ===


'''माता:'''      अन्नपूर्णा माँधरा महान
=== '''पिता:'''      पानी सा पालनकर्ता निर्मल बहता पैन<nowiki>'''''</nowiki>\ ===


'''सेवक:'''     २४ > सुलाऊ-8, खपाऊ-4, कमाऊ-8, सोना-खपना-कमाना सिखाऊ-4
=== '''माता:'''       अन्नपूर्णा माँधरा महान ===


'''घर:'''         बिगबौस का;  खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो रोशन चेहरे अकेले
=== '''सेवक:'''     २४ > सुलाऊ-8, खपाऊ-4, कमाऊ-8, सोना-खपना-कमाना सिखाऊ-4 ===


नहीं गए, कितने ही और समाज, उनके साथ संसार सागर से पार उतरे ||
=== '''घर:'''        बिगबौस का;  खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन ===
 
=== कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो रोशन चेहरे अकेलेनहीं गए, कितने ही और समाज, उनके साथ संसार सागर से पार उतरे || ===

Latest revision as of 02:37, 11 August 2025

'१ अँकार'''''\ नानक सिंह साहिब खालसा' नें 'लहिणा सिक्ख बनाम अंगद' को फरीदी कलम'''''\ यों संबोधन करि बक्शी :--

इक्क ओ''''' अँकार'''''\ बाणीकर्ता: पुरुषार्थी संत-सिपाही सच्ची मूर्ति नित्यनियमी स्वयं बनी बाणी कृपा !!

स्वयं लिख'''''\ तेरा सतिनामु > ......जपु जी साहिब सिंह खालसा !!

रिक्रूट: लिखना'''''\ खुद का सच्चा नाम

01. चलना शेरचाल 'माँधरा की कुदरत मैडम' के हुक्म की रजा में ||

गरकना नहीं सोचों में | रहना नहीं चुप | पालने नहीं हरामखोर | चलना नहीं भेड़चाल |

02. समझना हुक्म स्वयं चल के

03. खोजना सच्चे इंसान बेपरवाह रह के

04. मांगना ४ पदार्थ > ब्रह्म महूरत में सफलता और सफलता के पंथ पर विचार-विमर्श

गुरमुख: डरि रहना सच भगवान से

05. प्रचरना गुरबाणी

06. तराशना 80 गुण

07. बांटना 80 गुण

गुरसिक्खड़ा: सुनने से सच्ची आध्यात्मिक मस्ती छाई रहती है और सारे दुख और पाप छूमंतर

08. सुनना (आसा दी वार) योगीओं की: सुनने वाले बेमौत नहीं मरेंगे

09. सुनना (सो दरु) हिंदुओं की: सुनने वाले मन-तन-धन के सारे योगिक भेद समझ या जाएंगे

10. सुनना (सो पुरखु) सिखों की: सुनने वालों का ध्यान, सहज और सदा ही, पढ़ने लिखने''''\ पर ही केंद्रित रहेगा

11. सुनना (सो हिला) सरकार की

गुरसिक्ख: सच्चे नाम की शक्ति 'सच्चा' नाम धारण करके ही समझी जा सकती है

12. मानना १को

13. मानना १सतिनामु को

14. मानना १सतिगुरु को

15. मानना १सतिबाणी को

दयालु: स्वीकारना वो सब जो 'कुदरत मैडम की माँधरा को भाता हों'

16. जोड़ना सब को

17. लिखना'''''\ सरकारी संस्कार

18. लिखना'''''\ संसारी संस्कार

19. लिखना''''''\ गुरकार

संत: लिखे सच पर अडिग अडोल ईमानदार रहना

20. सुधारना लिखा

21. शेयरना सुधारा

22. उलझना नहीं मूर्खों संग

23. लेना नहीं रिश्वत

कर्मी: करना वही कर्म जो 'सच भगवान की कुदरत मैडम की माँधरा को भाते हों

24. संभालना सब को

25. करना विचार-विमर्श

26. लिखना माप-दण्ड

27. लिखना लेखा-जोखा खाए, खोए कमाए समय का

सिपाही: लेना/देना हुक्म लिखित शब्दों की प्रष्टभूमि पर से

28. जुगड़ना सन-साधन

29. आंकना समय की स्करात्मकता

30. स्वीकारना व संभालना जिमेंवारियाँ

31. परखना गुणवत्ता

खालसा नित्यनियमी : सोना-8 घंटे, रोटी खपना-4 घंटे, रोटी कमाना-8 घंटे, सोना-खपना-कमाना सीखना-4 घंटे

32. चढ़ना एक एक सीढ़ी

33. गर्जना लिखा सच

34. दिखना हाजिर नाजिर

35. समझना ज्ञान परजीवी

36. बनना कर्मी करजीवी

37. सोचना सिर्फ सच

38. प्रकाशना लिखा'''''\

सारांश

गुरु: समाजिक हवा/महौल

पिता: पानी सा पालनकर्ता निर्मल बहता पैन'''''\

माता: अन्नपूर्णा माँधरा महान

सेवक: २४ > सुलाऊ-8, खपाऊ-4, कमाऊ-8, सोना-खपना-कमाना सिखाऊ-4

घर: बिगबौस का; खेल अपना अपना, कोई किसी का सगा/बेगाना नहीं | जिन्होंने इंसानियत की भाषा गुरबाणी के शब्दकोश और व्याकरण का अध्ययन

कीआ और मेहनत करते हुए गए, वो रोशन चेहरे अकेलेनहीं गए, कितने ही और समाज, उनके साथ संसार सागर से पार उतरे ||