Savaiya 13 - 33 Savaiyey: Difference between revisions
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ਤਾਹੀ ਕੋ ਮਾਨਿ ਪ੍ਰਭੂ ਕਰਿ ਕੈ; ਜਿਹ ਕੋ ਕੋਊ ਭੇਦੁ ਨ ਲੈਨ ਲਯੋ ਜੂ ॥੧੩॥ | ਤਾਹੀ ਕੋ ਮਾਨਿ ਪ੍ਰਭੂ ਕਰਿ ਕੈ; ਜਿਹ ਕੋ ਕੋਊ ਭੇਦੁ ਨ ਲੈਨ ਲਯੋ ਜੂ ॥੧੩॥ | ||
जौ कहो राम अजोनि अजै अति; काहे कौ कौसलि कुख जयो जू? ॥<br> | |||
काल हूं काल कहो जिह कौ; किहि कारण काल ते दीन भयो जू? ॥<br> | |||
सति सरूप बिबैर कहाइ सु; कयों पथ को रथ हाकि धयो जू? ॥<br> | सति सरूप बिबैर कहाइ सु; कयों पथ को रथ हाकि धयो जू? ॥<br> | ||
ताही को मानि प्रभू करि कै; जिह को कोऊ भेदु न लैन लयो जू ॥१३॥ | ताही को मानि प्रभू करि कै; जिह को कोऊ भेदु न लैन लयो जू ॥१३॥ | ||
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Latest revision as of 01:38, 6 April 2020
ਜੌ ਕਹੋ ਰਾਮ ਅਜੋਨਿ ਅਜੈ ਅਤਿ; ਕਾਹੇ ਕੌ ਕੌਸਲਿ ਕੁਖ ਜਯੋ ਜੂ? ॥
ਕਾਲ ਹੂੰ ਕਾਲ ਕਹੋ ਜਿਹ ਕੌ; ਕਿਹਿ ਕਾਰਣ ਕਾਲ ਤੇ ਦੀਨ ਭਯੋ ਜੂ? ॥
ਸਤਿ ਸਰੂਪ ਬਿਬੈਰ ਕਹਾਇ ਸੁ; ਕਯੋਂ ਪਥ ਕੋ ਰਥ ਹਾਕਿ ਧਯੋ ਜੂ? ॥
ਤਾਹੀ ਕੋ ਮਾਨਿ ਪ੍ਰਭੂ ਕਰਿ ਕੈ; ਜਿਹ ਕੋ ਕੋਊ ਭੇਦੁ ਨ ਲੈਨ ਲਯੋ ਜੂ ॥੧੩॥
जौ कहो राम अजोनि अजै अति; काहे कौ कौसलि कुख जयो जू? ॥
काल हूं काल कहो जिह कौ; किहि कारण काल ते दीन भयो जू? ॥
सति सरूप बिबैर कहाइ सु; कयों पथ को रथ हाकि धयो जू? ॥
ताही को मानि प्रभू करि कै; जिह को कोऊ भेदु न लैन लयो जू ॥१३॥